Bhajan Marg
हाँ , भगवान को हम अपने आँखों से देख सकते है । जब हम अहम और मम मल को त्याग दे तो हम भगवान को देख सकते है । “एक अहम ममता” खत्म हो जाए तो जिस तरह हम किसी चीज को देखते है ठीक वैसे ही ही हम भगवान को देख सकते है ।
भगवान की भक्ति
जो व्यक्ति भगवान की भक्ति पूरी निष्ठा से करता है , भगवान द्वारा कही बातों का अनुसरण करता है उसे निश्चित ही भगवान प्राप्त हो जाते है । फिर उसे मोह माया से कुछ भि लेना देना नहीं होता ।